मानसरोवर--मुंशी प्रेमचंद जी

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बैलों की कथा मुंशी प्रेम चंद हीरा ने कहा-'मुझे मालूम होता है, राह भूल गए।' 'तुम भी बेतहाशा भागे, वहीं उसे मार गिराना था।' 'उसे मार गिराते तो दुनिया क्या कहती ...

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